स्वर्ण भस्म कई बीमारियों में कारगर साबित होता है। इसके लिए शुद्ध सोने को वैज्ञानिक विधि के जरिये इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का काफी महत्व है। यानी सरल शब्दों में आप कह सकते हैं, सोने से बनी दवा। माना जाता है कि स्वर्ण भस्म में पुराने से पुराने गंभीर रोग को ठीक करने की क्षमता होती है। इस औषधीय धातु के सेवन की मात्रा और काल, रोगी के उम्र और रोग के आधार पर किया जाता है। चूंकि यह औषधि है इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह के उपयोग करने पर स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अत: इसका प्रयोग हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए। आइये, जानते हैं स्वर्ण भस्म के फ़ायदे व नुकसान के बारे में विस्तार से।
- स्वर्ण भस्म कैसे बनता है
- बीमारियों को दूर करता है स्वर्ण भस्म
- स्वर्ण भस्म के स्किन के लिए उपयोग
- स्वर्ण भस्म का उपयोग कैसे करें
- स्वर्ण भस्म के नुकसान
स्वर्ण भस्म कैसे बनता है

दरअसल, इसे शुद्ध सोने से तैयार किया जाता है। शुद्ध स्वर्ण पत्र को नींबू के रस में डुबोकर रखा जाता है। नींबू के रस में डालने से पहले स्वर्ण पत्र में रससिंधुरा यानी मर्क्युरिअल कम्पाउंड लगाया जाता है। इस मिश्रण को एयर टाइट कंटेनर में रखा जाता है। इसके बाद इस कंटेनर को चार सौ से 500 डिग्री सेंटी ग्रेट के तापमान वाले हवा स्थान में चार से पांच घंटे के लिए रखा जाता है। इसकी कीमत ढाई से तीन हजार से शुरू होती है।
बीमारियों को दूर करता है स्वर्ण भस्म

1. इसका सबसे बड़ा फायदा है कि यह शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखने में असरदार रहता है। ये शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है। खासतौर से मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग होता है।
2. स्वर्ण भस्म से मस्तिष्क में सूजन, एकाग्रता, जैसी परेशानियों को ठीक करने में मदद मिलती है।
3. अगर कोई गहरे अवसाद में है तो उसको इसका सेवन करना चाहिए।
4. मधुमेह के कारण न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों में भी इस्तेमाल करने से राहत मिलती है।
5. अगर किसी महिला को या पुरुष को यौन संबधी परेशानी है, तो उसे स्वर्ण भस्म का उपयोग करना चाहिए। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या के लिए स्वर्ण भस्म कारगर सिद्ध होता है। इसका उपभोग करने पर पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी को दूर किया जा सकता है.
6. स्वर्ण भस्म क्रोनिक डिसऑर्डर जैसी गंभीर परेशानी में भी असरदायक होता है, अगर किसी को हृदय से सम्बंधित परेशानी है, तो स्वर्ण भस्म को औषधि रूप में लेना चाहिए।
7. अगर आप कैंसर से जूझ रहे हैं, तो आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए. यह एंटी कैंसर दवा के रूप में उपयोग होता है।
8. अगर आप तनाव में है, तो स्वर्ण भस्म का सेवन करें। स्वर्ण भस्म के लाभ से मस्तिष्क से कैटेकोलामाइन नामक हार्मोन निकलता है, जो तनाव की एक स्थिति को कम कर सकता है
9. गर्भावस्था में स्वर्ण भस्म का सेवन करने में कोई हर्ज नहीं है। अगर ऐसी स्थिति में एनीमिया की परेशानी हो रही है, तो एनीमिया के खतरे को टाला जा सकता है। एनीमिया की स्थिति में शरीर के सभी हिस्सों तक खून के पर्याप्त ऑक्सीजन की मात्रा नहीं पहुंचने पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
10. आंखों के रोग में यह भस्म लाभदायक होती है। इसका उपयोग पुनर्नवा नामक एक पौधे के साथ किया जाता है और यह आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है।
11. यह रोग प्रतिरोधक के रूप में काम करता है।
स्वर्ण भस्म के स्किन के लिए उपयोग

अगर किसी को पेम्फिगस (Pemphigus) जैसी बीमारी है, तो भस्म सूजन को कम कर देता है, इसके साथ ही अगर केसर के साथ स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाये, तो स्किन का रंग बेहतर होता जाता है। स्वर्ण भस्म को लाल चंदन, नागकेसर, मुलेठी, खांड, मजीठ, केसर के साथ मिला कर लगाने से स्किन की सुंदरता बढ़ती है।
स्वर्ण भस्म का उपयोग कैसे करें

इस भस्म को सुबह नाश्ते के समय या रात में सोने से पहले खाना चाहिए। रोज़ाना स्वर्ण भस्म की 12.5 से 62.5 मिलीग्राम भस्म का उपयोग करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से पहले या बाद में अगर आपको लगता है कि किसी भी तरह की परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. स्वर्ण भस्म को दूध के साथ मिला कर खाना चाहिए।
2. इसे शहद के साथ मिला कर खाना काफी फायदेमंद होता है। साथ ही अगर गाय के घी में सेवन किया जाये तो उससे अच्छा कुछ नहीं होता है।
3. कई लोग इसे च्यवनप्राश के साथ भी खाते हैं।
स्वर्ण भस्म के नुकसान

ऐसे तो स्वर्ण भस्म बहुत लाभदायक होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। अगर स्वर्ण भस्म का सही तरीकेसे इस्तेमाल या उसे ठीक से बिना तैयार किये इस्तेमाल किया जाये तो यह हानिकारक साबित हो सकता है, इसे अत्यधिक मात्रा में लेने से शारीरिक शक्ति कमजोर हो सकती है, साथ ही यह नयी बीमारियों को जन्म दे सकता है, यहां तक कि मानसिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। यह शरीर के किसी भी अंग को डैमेज कर सकती है, इसलिए ज़रूरी है कि इस्तेमाल से पहले आप एक बार डॉक्टर से सलाह मशविरा जरूर कर लें।
Written by Suman Sharma on 21st Jan 2021